नई दिल्ली। सरकार ने कहा है कि उसने निजी क्षेत्र के लिए मातृत्व अवकाश प्रोत्साहन योजना अभी अधिसूचित नहीं की है जिसके तहत महिलाओं को 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश सवेतन देने वाले नियोक्ताओं को पारिश्रमिक की राशि सरकार की ओर से वापस दिए जाने की बात कही गई है। उसने कहा है कि यह योजना अभी सक्षम अधिकारियों की मंजूरी हासिल करने की प्रक्रिया में है।
उसने कहा है कि मंत्रालय एक ऐसी प्रोत्साहन योजना पर काम कर रहा है जिसके तहत उन नियोक्ताओं को 7 हफ्तों का पारिश्रमिक वापस कर दिया जाएगा, जो 15,000 रुपए तक की वेतन सीमा वाली महिला कर्मचारियों को अपने यहां नौकरी पर रखते हैं और 26 हफ्तों का सवेतन मातृत्व अवकाश देते हैं। इसके लिए कुछ शर्तें भी तय की गई हैं।
यह अनुमान लगाया गया है कि प्रस्तावित प्रोत्साहन योजना पर अमल करने से सरकार, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को लगभग 400 करोड़ रुपए के वित्तीय बोझ को वहन करना होगा। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि इस आशय की रिपोर्ट भी गलत है कि मातृत्व अवकाश प्रोत्साहन योजना का वित्त पोषण श्रम कल्याण उपकर (सेस) से किया जाएगा, क्योंकि मंत्रालय में इस तरह का कोई भी उपकर नहीं है।