रामदेव ने सातवें भारतीय छात्र संसद में कहा, 'कोई भी बहुराष्ट्रीय कंपनी यहां आपको पैसा देने नहीं आ रही है। उनके दिल में भारत के लिए कोई प्यार नहीं है। वे यहां मुनाफा कमाने आ रही हैं। वे यहां एक रुपया लेकर आती हैं और 100 रुपए लेकर जाती हैं। वह पतंजलि है जिसके कारण सभी बहुराष्ट्रीय कंपनियों की नींद उड़ी हुई है।
उन्होंने कहा कि भारत को बहुराष्ट्रीय कंपनियों की जरूरत नहीं है और जहां तक विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पूंजी तथा संसाधन का सवाल है, भारत आज आत्मनिर्भर है।