प्रधानमंत्री कार्यालय ने मंगलवार को यहां यह जानकारी दी और कहा कि स्वामी विवेकानंद का दर्शनशास्त्र और मिशन आज भी युवाओं को आकर्षित करता है। भारत को इस महान हस्ती पर गर्व है, जो आज भी दुनियाभर में लाखों लोगों की प्रेरणा के स्रोत हैं।
प्रधानमंत्री ने हमेशा कहा है कि स्वामी विवेकानंद के आदर्श आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने उनके जीवनकाल में थे। प्रधानमंत्री अक्सर इस बात पर जोर देते हैं कि लोगों की सेवा करने और राष्ट्र के युवाओं को सशक्त बनाने से देश भौतिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनता है और दुनिया में उसकी छवि बनती है। भारत की समृद्धि और शक्ति उसके लोगों में समाहित है इसलिए सभी के सशक्तीकरण से ही देश को आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य की ओर ले जाया जा सकता है।
इससे पहले विश्वविद्यालय के कुलपति जगदीश कुमार ने टि्वट कर कहा था कि प्रधानमंत्री गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। स्वामी विवेकानंद विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उन्होंने अमेरिका के शिकागो में वर्ष 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने रामकृष्ण मिशन की भी स्थापना की थी। (वार्ता)