उन्होंने कहा कि विश्व शांति के बारे में बड़ी-बड़ी बातें की जा रही हैं। हमें (भारत) विश्व शांति के बारे में सलाह भी दी जा रही है, लेकिन साथ ही, युद्ध भी नहीं रुक रहे। हमें अक्सर अपने देश में अल्पसंख्यकों के बारे में चिंता करने के लिए कहा जाता है जबकि हम देख रहे हैं कि बाहर अल्पसंख्यक किस तरह की स्थिति का सामना कर रहे हैं?
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हमारे देश के बाहर बहुत से लोग सोचते हैं कि भारत के भूमिका निभाए बिना विश्व शांति संभव नहीं है। हमारा मानना है कि यह केवल भारत और इसकी समृद्ध परंपरा ही है, जो ऐसा कर सकती है और 3,000 वर्षों से ऐसा होता आया है। दुनिया की इस आवश्यकता को पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है।(भाषा)