लखनऊ, उत्तर प्रदेश के अंदर मुलायम सिंह एक ऐसा नाम जिन्होंने पहलवानी से लेकर शिक्षक तक की भूमिका बेहद अच्छे से निभाई और फिर जब राजनीति में कदम रखा तो राजनीति की दिशा और दशा ही बदल दी। इस सफर में मुलायम सिंह यादव कई दलों में रहे। कई बड़े नेताओं की शागिर्दी की, लेकिन उसके बाद समाजवादी पार्टी बनाई और उत्तर प्रदेश पर एक दो बार नहीं बल्कि तीन बार राज किया। मुलायम सिंह यादव के निधन से समाजवादी राजनीति के एक युग का अंत हो गया है।
कुछ ऐसा था राजनीतिक सफर : राजनीति के दांवपेच उन्होंने 60 के दशक में राममनोहर लोहिया और चरण सिंह से सीखे। लोहिया ही उन्हें राजनीति में लेकर आए। लोहिया की ही संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ने उन्हें 1967 में टिकट दिया और वह पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे। उसके बाद वह लगातार प्रदेश के चुनावों जीते रहे विधानसभा तो कभी विधानपरिषद के सदस्य बनते रहे। उनकी पहली पार्टी अगर संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी थी तो दूसरी पार्टी बनी चौधरी चरण सिंह के नेतृत्व वाली भारतीय क्रांति दल। जिसमें वह 1968 में शामिल हुए। चरण सिंह की पार्टी के साथ जब संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी का विलय हुआ तो भारतीय लोकदल बन गया।
8 बार रहे विधायक : मुलायम सिंह यादव 1967 से लेकर 1996 तक 8 बार उत्तर प्रदेश में विधानसभा के लिए चुने गए। एक बार 1982 से 87 तक विधान परिषद के सदस्य रहे। 1996 में ही उन्होंने लोकसभा का पहला चुनाव लड़ा और चुने गए। इसके बाद से अब तक 7 बार लोकसभा में पहुंच चुके हैं। अब भी लोकसभा सदस्य 1977 में वह पहली बार यूपी में मंत्री बने। तब उन्हें कॉ-ऑपरेटिव और पशुपालन विभाग दिया गया। 1980 में लोकदल का अध्यक्ष पद संभाला। 1985-87 में उत्तर प्रदेश में जनता दल के अध्यक्ष रहे। पहली बार 1989 यूपी के मुख्यमंत्री बने। 1993-95 में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। 2003 में तीसरी बार सीएम बने और चार साल तक गद्दी पर रहे। 1996 में जब देवगौडा सरकार बनी, तब मुलायम उसमें रक्षा मंत्री बने। Edited: By Navin Rangiyal