उच्चतम न्यायालय ने प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के एक वर्ग में दुष्कर्म पीड़ित बालिकाओं की पहचान उजागर किए जाने पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि आखिर मीडिया ने उनकी पहचान कैसे और क्यों उजागर की। न्यायालय ने इस मामले में सहयोग के लिए उच्चतम न्यायालय की वकील अपर्णा भट्ट को न्याय मित्र नियुक्त किया है।
गौरतलब है कि बिहार के मुजफ्फरपुर के एक आश्रय स्थल में रहने वाली 32 बच्चियों के साथ कथित तौर बलात्कार और उत्पीड़न की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इन लड़कियों का आरोप है कि उन्हें नशे के इंजेक्शन दिए जाते थे और प्रशासन के अधिकारी तथा अन्य लोग उनके साथ दुष्कर्म करते थे। यह मामला मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइसेंज की एक सामाजिक आडिट रिपोर्ट से सामने आया है। (वार्ता)