उन्होंने कहा कि आने वाले समय में देश में 1000 विमानों की जरुरत होगी तथा बड़े पैमाने पर ड्रोन की मांग होगी। इन जरुरतों को पूरा करने के लिए मेन इन इंडिया योजना के तहत देश में ही विमानों और ड्रोन का निर्माण करने प्रयास किए जा रहे हैं। रक्षा क्षेत्र में विदेशी उपकरणों की जगह देश में उनके निर्माण के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आयात पर निर्भरता कम करने के लिए एक कार्यबल का गठन किया गया है ताकि वस्तुओं के निर्माण में आ रही बाधाओं का पता लगाकर उन्हें दूर किया जा सके। प्रभु ने कहा कि दलहनों के आयात में हाल के वर्षो में कमी आई है और देश में इसका पर्याप्त भंडार है। गेहूं ,चावल और चीनी के आयात को नियंत्रित करने के लिए आयात शुल्क में वृद्धि की गई है।
प्रभु उड्यन मंत्री भी हैं और इस नाते एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि देश में हवाई यातायात लोकप्रिय हुआ है लेकिन उड़ान योजना के तहत कुछ मार्गों पर एयर लाइन कम्पनियां सफल नहीं हो पाई हैं और उन्होंने विमान सेवा रोक दी है। सरकार इन मार्गों को दूसरी कम्पनियों को देना चाहती है लेकिन इसमें अभी कानूनी बाधा है। (वार्ता)