सूत्रों ने बताया कि परेश बरआ की अगुवाई वाला उल्फा का वार्ता विरोधी धड़ा प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले खुद को सुर्खियों में लाने के लिए कुछ भयावह हमलों की साजिश रच रहा है। सुरक्षा एजेंसियों के अभियानों के चलते संगठन के कैडर कम होते जा रहे हैं और उसकी लोकप्रियता कम हो रही है और इसलिए वह फिर से खबरों में आना चाहता है।
उल्फा ने पहले भी कई भाजपा नेताओं पर हमला किया है और 1999 में धुबरी लोकसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी पन्नालाल ओसवाल और 2001 में डिब्रूगढ़ विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी जयंत दत्ता समेत कुछ लोगों की जान ले चुका है। उल्फा ने पिछले दशक में अलग-अलग घटनाओं में करीब 100 हिन्दीभाषी लोगों को भी मार दिया था। (भाषा)