टेलीविजन चैनल एबीपी न्यूज पर शुक्रवार को मोदी के प्रसारित साक्षात्कार में गांधी भाई-बहनों में से बेहतर नेता कौन है? इस बारे में पूछे गए सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा कि कौन अच्छा या कौन बुरा, मैं व्यक्तिगत रूप से किसी से परिचित नहीं हूं, न कभी बैठकर कभी किसी विषय पर हमें चर्चा करने का सौभाग्य मिला है और इसलिए इसका निर्णय लेना मेरा हक नहीं बनता है। यह कांग्रेस पार्टी का अंदरुनी विषय है, उसे जो अच्छा लगे उन्हें नेता बनाए।
वाड्रा के वाराणसी से मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की चर्चा के सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा कि मोदी चुनाव जीते या हारे, यह निर्णय जनता का है। मोदी पहली बार बनारस नामांकन भरने गया था और बाद में जिस दिन चुनाव प्रचार पूरा हुआ, उस दिन मैंने जनसभा की इजाजत मांगी थी लेकिन वहां की सरकार ऐसी थी, वहां का राज्य निर्वाचन आयोग ऐसा था कि मेरे जनसभा करने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
गुजरात से बाहर बनारस से चुनाव लड़ने के लिए चुने जाने के सवाल पर मोदी ने कहा कि संगठन जो तय करे, वह मैं करता हूं तो उस समय संगठन के लोगों को लगा कि मुझे बनारस जाकर चुनाव लड़ना चाहिए। डॉ. मुरली मनोहर जोशीजी ने वहां काफी अच्छा काम किया हुआ था। जोशीजी के आशीर्वाद थे और स्वाभाविक है कि पार्टी ने तय किया था, सो मैं चला गया था। (वार्ता)