'स्वच्छाग्रह, बापू को कार्यांजलि' के बैनर लगे स्थल पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि गांधीजी कहते थे कि मेरा जीवन ही मेरा दर्शन है। उन्होंने कहा कि चंपारण में लोगों को परिवर्तन करने की शक्ति का अहसास हुआ। गांधी जी उस समय लोगों की विचार प्रक्रिया को जगा रहे थे। गांधीजी मूल रूप से स्वच्छाग्रही थे। बापू ने कहा था कि स्वच्छता आजादी से भी ज्यादा जरूरी है।
* खादी के विकास में गांधी जी का चंपारण आंदोलन अहम।
* जनशक्ति आंदोलन में महिलाओं को बराबरी का मौका दिया।