क्या मोदी की तुलना हिटलर से की जा सकती है?

शनिवार, 18 अप्रैल 2015 (11:36 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ किए जाने को लेकर कटाक्ष करते हुए जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर के बारे में विंस्टन चर्चिल की टिप्पणी की याद दिलाई।
सिंह ने कहा, ‘विंस्टन चर्चिल (पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री) ने एक बार एडोल्फ हिटलर की तारीफ की थी और पांच वर्ष के बाद उन्हें उसी व्यक्ति के खिलाफ लड़ना पड़ा। ईश्वर न करे, ओबामा को अपनी टिप्पणी वापस लेनी पड़े।’
 
ओबामा ने टाइम पत्रिका में लेख के जरिए प्रधानमंत्री मोदी को तारीफ की थी। अब दिग्विजय सिंह यह आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि कहीं मोदी देश के हिटलर न बन जाए। 
 
मोदी की तुलना एक ओर रिचर्ड निक्सन, मार्गरेट थैचर व रोनाल्ड रीगन से की जा रही है तो दूसरी ओर हिटलर से। हिटलर से उनकी तुलना की कई विश्लेषकों ने कड़े शब्दों में निंदा की है। हालांकि कई विश्लेषक मानते हैं कि आने वाले समय में मोदी का यही रूप देखने को मिलेगा।
 
हिटलर, यहूदियों और संसदीय प्रजातन्त्र के प्रति अपनी घृणा को सार्वजनिक व खुले रूप में व्यक्त करता था। लेकिन मोदी ऐसा नहीं करते फिर भी वे ‘हिन्दू राष्ट्रवाद’ के हामी हैं। ‘विदेशी धर्मों’ के मानने वालों को हिन्दू राष्ट्र के लिए खतरा समझा जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि क्षेत्र विशेष में इनकी तादाद बढ़ने के साथ ही ऐसी प्रवृत्तियां भी बढ़ने लगती है जिनको राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल किया जाता है। ऐसे हालात में राष्ट्रवादी नेताओं में गुस्से का इजाफा स्वाभाविक रूप से धीरे-धीरे पनपता है।
 
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कनाडा दौरे पर कांग्रेस की आलोचना करने पर एक अंग्रेजी चैनल से बातचीत में दिग्विजय सिंह ने कहा, 'यह बांटने वाली मानसिकता को दर्शाता है। उन्हें यह समझना चाहिए कि 1947 से लेकर आज तक किसी भारतीय पीएम ने देश के बाहर आंतरिक राजनीति की चर्चा नहीं की। क्या बराक ओबामा भारत जब भारत आए तो उन्होंने रिपब्लिकंस के साथ अपने मतभेदों का जिक्र किया?'  (भाषा से इनपुट)

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