हम मक्खन पर नहीं, पत्थर पर लकीर खींचने वाले हैं : मोदी

बुधवार, 15 अगस्त 2018 (11:42 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि देशहित को सर्वोपरि मानते हुए उनकी सरकार कड़े फैसले लेने की सामर्थ्य रखती हैं और हर भारतीय को आवास, बिजली कनेक्शन, जल, शौचालय, किफायती स्वास्थ्य सेवा तथा बीमा कवर उपलब्ध कराने को प्रयासरत हैं। देश के 72वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि हम मक्खन पर लकीर नहीं, पत्थर पर लकीर खींचने वाले हैं।  
 
उन्होंने कहा कि हम जहां आज हैं कल उससे भी आगे बढ़ना चाहते हैं। रुकना और झुकना हमारे स्वभाव में नहीं। यह देश ना रुकेगा ना झुकेगा और ना थकेगा। हम सिर्फ भविष्य देखकर अटकना नहीं चाहते। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम चाहते हैं कि हर भारतीय के पास अपना घर हो, हर भारतीय के घर में बिजली कनेक्शन हो, हर भारतीय की रसोई धुआं मुक्त हो, हर भारतीय के घर में जरूरत के मुताबिक जल पहुंचे, हर भारतीय के घर में शौचालय हो, हर भारतीय अपने मनचाहे क्षेत्र में कुशलता हासिल कर सके, हर भारतीय को अच्छी औऱ किफायती दर में स्वास्थ्य सेवा सुलभ हो और हर भारतीय को बीमा का सुरक्षा कवच मिले। 
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं बेसब्र हूं, क्योंकि जो देश हमसे आगे निकल चुके हैं, हमें उनसे भी आगे जाना है। उन्होंने कहा कि मैं बेचैन हूं, हमारे बच्चों के विकास में बाधा बने कुपोषण से देश को मुक्त कराने के लिए। मैं व्याकुल हूं, देश के हर गरीब तक समुचित स्वास्थ कवर पहुंचाने के लिए, ताकि वो बीमारी से लड़ सके। मैं व्यग्र हूं, अपने नागरिकों की जीवन की गुणवत्ता को सुधारने के लिए। 
 
मोदी ने कहा कि वे अधीर हैं क्योंकि हमें ज्ञान-आधारित चौथी औद्योगिक क्रांति की अगुवाई करनी है। वे आतुर हैं क्योंकि चाहते हैं कि देश अपनी क्षमताओं और संसाधनों का पूरा लाभ उठाएं।
 
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कविता की कुछ पंक्तियां भी दोहरायी : 
‘‘ अपने मन में एक लक्ष्य लिए 
मंज़िल अपनी प्रत्यक्ष लिए 
हम तोड़ रहे हैं जंजीरें 
हम बदल रहे हैं तस्वीरें 
ये नवयुग है, नव भारत है 
खुद लिखेंगे अपनी तकदीरें 
हम निकल पड़े हैं प्रण करके 
अपना तन-मन अर्पण करके 
जिद है एक सूर्य उगाना है 
अम्बर से ऊंचा जाना है 
एक भारत नया बनाना है 
एक भारत नया बनाना है। 
 
मोदी ने अपने संबोधन में महान तमिल कवि सुब्रमणियम भारती का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि महान तमिल कवि दीर्घदृष्टा और आशावादी सुब्रमणियम भारती ने लिखा था कि भारत न सिर्फ एक महान राष्ट्र के रूप में उभरेगा बल्कि दूसरों को भी प्रेरणा देगा। उन्होंने कहा था कि भारत पूरी दुनिया को हर तरह के बंधनों से मुक्ति पाने का रास्ता दिखाएगा।

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