देश की स्मृद्धि के लिए नवाचार जरूरी : मोदी

शनिवार, 31 मार्च 2018 (00:09 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नवाचार को दुनिया के समक्ष सभी चुनौतियों का समाधान बताते हुए शुक्रवार को कहा कि इससे देश की स्मृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त होता है। मोदी ने देशभर में 28 केन्द्रों पर हो रही स्मार्ट इंडिया हैकेथान को वीडियो कॉन्‍फ्रेन्स के जरिए संबोधित करते हुए कहा, 'नवाचार में दुनिया के समक्ष मौजूद चुनौतियों से निपटने की शक्ति है।


उन्होंने कहा कि हमें नए तरीके ढूंढने चाहिए, फिर उनका पेटेंट कराएं, इसके उत्पादन और उपलब्धता को आसान बनाएं और इसे लोगों तक ले जाएं। इस मार्ग पर चलकर देश को समृद्ध बनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि छात्रों में नया करने की सोच ज्यादा होती है और इस तरह की सोच से अनुसंधान की इच्छा जाग्रत होती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नवाचार एक शब्द मात्र नहीं है और न ही किसी खास मौके या घटना तक सीमित है। यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। जिज्ञासा नवाचार का महत्वपूर्ण पहलू है। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे सवाल पूछने से कभी न हिचकिचाएं।

उन्होंने कहा कि किस देश में कितना नवाचार हुआ है यह उसकी स्मृद्धि को आंकने का पैमाना है। उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद उन देशों ने ज्यादा तरक्की की जिन्होंने उच्च शिक्षा पर ज्यादा जोर दिया। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार उच्च शिक्षण संस्थानों को अधिक से अधिक स्वायत्ता दे रही है और इस दिशा में आगे बढते हुए उत्कृष्ट संस्थान बनाए जाने का काम किया जा रहा है।

मोदी ने कहा कि दुनिया में किसी एक के पास पूरा ज्ञान नहीं हो सकता और यह बात सरकारों पर भी लागू होती है। सरकारों की यह सोच रही है कि वे अकेले परिवर्तन ला सकती हैं, जो गलत है। परिवर्तन जनभागीदारी से ही लाया जा सकता है। किसी भी देश की सबसे बड़ी संपत्ति श्रमशक्ति और इच्छाशक्ति होती है। लोग अगर परिवर्तन लाने का फैसला कर लें तो सबकुछ संभव है।

मोदी ने कहा कि हर समस्या के समाधान के लिए उसकी जड़ को जानना और लीक से हटकर सोचने की जरूरत है। उन्होंने छात्रों से नई तकनीक के इस्तेमाल से देश की समस्याओं को मिटाने का आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें इस बारे में सोचना चाहिए कि नवाचार से देशवासियों के जीवन को कैसे और बेहतर बनाया जा सकता है।
 
प्रधानमंत्री ने कहा, आप जितने सपने देखना चाहते हैं, देखें लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए कदम भी उठाएं। युवा पीढ़ी के राष्ट्र निर्माण में भागीदारी पर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि इससे नया भारत बनाने के प्रयासों को मजबूती मिलेगी।

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष के हैकेथान के आधे से ज्यादा प्रोजेक्ट पूरे किए जा चुके हैं और कई अन्य निकट भविष्य में पूरे होने वाले हैं। युवा बाढ़ राहत और जंगल में आग की स्थिति में राहत पहुंचाने के उपाय भी ढूंढने के प्रयास कर रहे हैं। संबोधन के बाद उन्होंने विभिन्न स्थानों पर हैकेथान में भाग ले रहे छात्रों के विचार सुने और उनके सवालों का भी जवाब दिया तथा उनसे स्थानीय समस्याओं के समाधान निकालने को भी कहा। (वार्ता) 

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