मोदी ने 14वें प्रवासी भारतीय दिवस में अपने संबोधन में कहा कि हम यह काम मॉरीशस से शुरू कर रहे है। प्रक्रियाओं को तय करने के लिए हम काम रह रहे हैं ताकि गिरमिटिया मजदूरों के वंशज ओसीआई कार्ड हासिल करने के पात्र हो सकें। हम फिजी, रीयूनियन आईलैंड, सूरीनाम, गुयाना और दूसरे कैरेबियाई देशों के पीआईओ को पेश आ रही इसी तरह की दिक्कतों को दूर करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। गिरमिटिया उन भारतीय मजदूरों को कहते हैं जिनको 18वीं सदी के मध्य में गन्ने के खेतों में काम करने के लिए ले जाया गया था।
उन्होंने कहा कि इस साल 1 जनवरी से दिल्ली और बेंगलुरु के साथ शुरुआत की गई है। हमने आव्रजन स्थलों पर ओसीआई कार्डधारकों के लिए विशेष काउंटर बनाए हैं। हम चाहते हैं कि यह प्रवासियों के वैश्विक पलायन, उपलब्धियों और आकांक्षाओं का प्रतीक बने।
विदेशों में 3 करोड़ से अधिक प्रवासी भारतीयों के रहने का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि इन लोगों का सम्मान सिर्फ संख्या की वजह से नहीं होता है, बल्कि उन स्थानों के समाज में योगदान के लिए भी उनका सम्मान होता है, जहां वे रहते हैं। (भाषा)