मोदी ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2015 बैच के अधिकारियों को संबोधित करते हुए यहां कहा कि जो देश भारत के बाद आजाद हुए और जिनके पास यहां के मुकाबले संसाधनों की भी कमी थी, उन्होंने विकास की नई ऊंचाइयां छू लीं। उन्होंने कहा कि भारत में उतना विकास नहीं हुआ जितना हो सकता था।
उन्होंने युवा आईएएस अधिकारियों का बदलाव को रोकने वाली मानसिकता से दूर रहकर देश की प्रशासनिक व्यवस्था को 'नए भारत ' की ऊर्जा से भरने का आह्वान किया। व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव के लिए प्रभावी परिवर्तन और साहस की जरूरत है। पृथक किस्म की प्रशासनिक व्यवस्था के कारण अधिकारी अपनी पूरी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाते।
प्रधानमंत्री ने युवा अधिकारियों से अपने वरिष्ठ अधिकारियों से खुलकर बातचीत करने को कहा ताकि उनके नए विचारों और ऊर्जा के समन्वय से व्यवस्था को फायदा मिल सके। मोदी ने इन अधिकारियों से कहा कि केंद्रीय लोकसेवा आयोग की परीक्षा पास करने के दौरान उन्होंने जिन चुनौतियों सामना किया उसके अनुभवों से वे व्यवस्था के साथ-साथ आम आदमी की जिंदगी में भी सकारात्मक बदलाव लाएं। (वार्ता)