इधर मंत्रिमंडल के गठन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बीच दो बार लंबी चर्चा हो चुकी है, वहीं बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतिश कुमार के साथ अमित शाह की बैठक हो चुकी है। अब तक मंत्रिमंडल को लेकर जो तस्वीर साफ हुई है उसमें एक बात साफ है कि पिछले कार्यकाल के सभी बड़े मंत्री एक बार राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में शपथ लेते हुए दिखाई दे सकते हैं।
मोदी सरकार में वित मंत्री रहे अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करने की गुजारिश की है, वहीं सुषमा स्वराज और उमा भारती को लेकर भी सस्पेंस बना हुआ है। दोनों ही नेताओं ने इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था ऐसे में दोनों के मंत्री बनाए जाने की संभावना कम है।
मंत्रिंमडल को लेकर को जो सबसे बड़ा सवाल है कि क्या भाजपा अध्यक्ष अमित शाह मोदी कैबिनेट में मंत्री बनेंगे या पहले की तरह राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहेंगे, वहीं सहयोगी दलों में जेडीयू और शिवसेना के कोटे से दो-दो मंत्री और अकाली दल, अपना दल और एआईडीएमके से एक सांसद मंत्री बनेंगे। खबर है कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ 40 से 50 मंत्री भी शपथ लेंगे।