राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सांप्रदायिकता के नाम पर अनाप-शनाप बोलने वालों को कहना चाहता हूं कि मेरी सरकार का एक ही धर्म है- भारत सबसे पहले, एक ही धर्मग्रंथ है- भारत का संविधान, एक ही भक्ति है- भारत भक्ति, एक ही पूजा है- सवा सौ करोड़ देशवासियों का कल्याण।
मोदी ने अपनी भूमिका के बारे में विपक्ष द्वारा पूछे जा रहे सवालों पर पलटवार करते हुए कहा कि 27 अक्टूबर 2013 की पटना की गांधी मैदान की रैली में बम धमाकों के बीच तब मैंने क्या कहा था- हिन्दुओं को किससे लड़ना है? मुसलमानों से या गरीबी से। और मुसलमानों को किससे लड़ना है? हिन्दुओं से या गरीबी से। बहुत हो गया, आइए हम सब मिलकर गरीबी से लड़ें। (भाषा)