संविधान से चलेगा देश : मोदी

शुक्रवार, 27 फ़रवरी 2015 (17:28 IST)
नई दिल्ली। सांप्रदायिकता को सिरे से खारिज करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि किसी को भी धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव करने या कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है और देश संविधान के दायरे में चलेगा।
प्रधानमंत्री ने लोकसभा में कहा कि किसी को भी धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव करने का अधिकार नहीं है। हमारा संविधान हजारों सालों के चिंतन की अभिव्यक्ति है। देश संविधान के दायरे में चलेगा और किसी को कानून अपने हाथों में लेने का अधिकार नहीं है। मेरी जिम्मेदारी है कि सरकार कैसे चले।
 
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सांप्रदायिकता के नाम पर अनाप-शनाप बोलने वालों को कहना चाहता हूं कि मेरी सरकार का एक ही धर्म है- भारत सबसे पहले, एक ही धर्मग्रंथ है- भारत का संविधान, एक ही भक्ति है- भारत भक्ति, एक ही पूजा है- सवा सौ करोड़ देशवासियों का कल्याण।
 
मोदी ने अपनी भूमिका के बारे में विपक्ष द्वारा पूछे जा रहे सवालों पर पलटवार करते हुए कहा कि 27 अक्टूबर 2013 की पटना की गांधी मैदान की रैली में बम धमाकों के बीच तब मैंने क्या कहा था- हिन्दुओं को किससे लड़ना है? मुसलमानों से या गरीबी से। और मुसलमानों को किससे लड़ना है? हिन्दुओं से या गरीबी से। बहुत हो गया, आइए हम सब मिलकर गरीबी से लड़ें। (भाषा)

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