नरेश अग्रवाल ने भाजपा में आते ही बढ़ाई मुश्किल, लेकिन...

Webdunia
सोमवार, 12 मार्च 2018 (19:00 IST)
नई दिल्ली। राज्यसभा का टिकट नहीं मिलने से नाराज़ समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने सोमवार को भाजपा का दामन थाम लिया, पर इस मौके पर उनके 'बड़े बोलों' ने भाजपा के ही माथे पर बल ला दिए। हालांकि पार्टी ने बेहद खूबसूरती से उनके विवादास्पद बयान को उनके सामने ही खारिज कर दिया। अग्रवाल और उनके समर्थकों ने यहां भाजपा मुख्यालय में पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं रेलमंत्री पीयूष गोयल और राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।


गोयल ने अग्रवाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि शाह से चर्चा के बाद वे भाजपा में शामिल हो रहे हैं और उनके कुशल नेतृत्व का लाभ पार्टी को मिलेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा गोयल का उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी योगदान लेगी। इस अवसर पर अग्रवाल ने कहा कि किसी राष्ट्रीय पार्टी में रहे बिना सही तरीके से देश की सेवा नहीं की जा सकती इसलिए वह भाजपा में शामिल हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बहुत प्रभावित हैं और जिस प्रकार से देश आगे बढ़ रहा है, वह भी अपना योगदान देना चाहते हैं। उन्होंने सपा के साथ अपने संबंध का खुलकर इज़हार किया।

उन्होंने कहा कि मैं मुलायम सिंह जी और रामगोपाल जी का साथ कभी नहीं छोड़ूंगा क्योंकि उन्होंने मुझे बहुत इज्ज़त दी। लेकिन सपा के मौजूदा नेतृत्व ने गठबंधन के माध्यम से पार्टी की हैसियत को एक क्षेत्रीय पार्टी से भी नीचे गिरा दिया है। कभी वह कांग्रेस और कभी बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन कर रही है। सपा अपने आप से ही समझ रही है कि अब वह नहीं रहेगी।

उन्होंने सपा से जया बच्चन को फिर उम्मीदवार बनाए जाने पर नाराज़गी व्यक्त करते हुए नाम लिए बगैर कहा कि जिस प्रकार से सपा को समाप्त किया जा रहा है और फिल्मों में काम करने वाली से मेरी हैसियत कर दी गई। फिल्मों में डांस करने वाली, रोल करने के नाम पर मेरा टिकट काटा गया, उसे किसी ने भी उचित नहीं कहा है।

अग्रवाल ने मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को उन पर विश्वास करने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि पार्टी उन्हें जो भी काम सौंपेगी उसे पूरा करेंगें। भाजपा में शामिल होने के लिए उनकी कोई शर्त नहीं थी। उन्होंने यह भी साफ किया कि उनका पुत्र नितिन अग्रवाल उत्तर प्रदेश में सपा का विधायक है और वह राज्यसभा चुनाव में भाजपा को वोट देगा।

उन्होंने कहा कि उनका समाज पहले से ही भाजपा के साथ है आज उसके लोग भी खुश होंगे क्योंकि समाज की ओर से उनसे बार-बार भाजपा में शामिल होने के लिए कहा जाता था। अब वे कहेंगे कि नरेश अपने 'ओरिज़नल फ्लेवर' में आ गया है। अग्रवाल के श्रीमती जया बच्चन पर टिप्पणी करते ही संवाददाता सम्मेलन में उनके बगल में बैठे गोयल एवं डॉ. पात्रा के माथे पर बल पड़ गए।

गोयल ने तुरंत ही एक कागज़ के टुकड़े पर कुछ लिखकर डॉ. पात्रा की ओर बढ़ा दिया। अग्रवाल का बयान खत्म होने पर डॉ. पात्रा ने कहा कि इससे पहले गोयल अग्रवाल को सदस्यता की पर्ची सौंपें, मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि चाहे चलचित्र हो या जीवन के किसी भी पहलू में काम करने वाले हों, भाजपा हर किसी का सम्मान करती है। कक्ष में संवाददाताओं ने इसके बाद अग्रवाल से सवालों की झड़ी लगा दी, लेकिन डॉ. पात्रा ने अग्रवाल को इशारों में ही समझा दिया कि वे अब भाजपा के सदस्य बन चुके हैं और वे मीडिया से कुछ नहीं कहें।

तत्पश्चात अग्रवाल संवाददाताओं से कुछ नहीं बोले और गोयल उन्हें भाजपा अध्यक्ष के कक्ष में ले गए। उल्लेखनीय है कि अग्रवाल के राजनीतिक जीवन की शुरुआत कांग्रेस के साथ हुई थी। वह वर्ष 1980 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर उत्तर प्रदेश में विधायक चुने गए थे। उन्होंने 1997 में कांग्रेस पार्टी को तोड़कर लोकतांत्रिक कांग्रेस पार्टी का गठन किया था। वह 1997 से 2001 तक उत्तर प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे। वह 2003 से 2004 तक पर्यटन मंत्री और 2004 से 2007 तक परिवहन मंत्री रहे।

उत्तर प्रदेश के राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राज्य में ऐसी कोई पार्टी नहीं है जहां अग्रवाल का पदार्पण नहीं हुआ। वह बसपा में भी रह चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान भी मुलायम सिंह यादव के परिवार में फूट के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का साथ दिया था। (वार्ता)

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