कुमार ने रविवार को यहां मीसा बंदियों के अखिल भारतीय संगठन लोकतंत्र सेनानी संघ के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश में 26 जून 1975 को आपातकाल लागू करके नागरिकों के अधिकार छीन लिए गए थे। लोकतंत्र की रक्षा के लिए तब लाखों लोगों ने सत्याग्रह कर 'जेल भरो आन्दोलन' चलाया। इस संघर्ष के परिणाम अच्छे रहे और देश में फिर लोकतंत्र स्थापित हो गया।
उन्होंने कहा कि आपातकाल देश के इतिहास का काला दौर है और भावी पीढ़ी को इस काल से अवगत कराने के लिए स्वतंत्रता संग्राम की तरह लोकतंत्र की बहाली के संघर्ष के इतिहास को भी स्कूल एवं कॉलेज के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। उनका कहना था कि आपातकाल के संघर्ष में जिन लोगों ने भाग लिया है, उनकी सेवाओं का उल्लेख करते हुए उनको चिह्नित करके सम्मानित किया जाएगा।