उन्होंने कहा कि वर्ष 2015-16 में मुख्य ध्यान ई-गर्वनेंस, डबल एंट्री, लेखा, यूजर्स शुल्क और पालिका करों की उगाही, जल और ऊर्जा लेखा, एकल खिड़की मंजूरी पर रहा। वर्ष 2016-17 में मुख्य ध्यान 53 शहरों में भवन अनुमति की ऑनलाइन व्यवस्था, पुराने पम्प सेटों को बदलकर ऊर्जा सक्षम पम्प सेट लगाना, शोधित जल का पुनः उपयोग तथा शहरी बाढ़ प्रबंधन की योजना पर होगा।
पुरस्कार राशि प्राप्त करने वाले राज्यों में तमिलनाडु को 61.34 करोड़ रुपए, कर्नाटक को 29.92 करोड़ रुपए, उड़ीसा को 10.27 करोड़ रुपए, तेलंगाना को 10.73 करोड़ रुपए, केरल को 15 करोड़ रुपए ,छत्तीसगढ़ को 13.00 करोड़ रुपए, आंध्रप्रदेश को 13.62 करोड़ रुपए, मध्यप्रदेश को 33.45 करोड़ रुपए, गुजरात को 26.72 करोड़ रुपए, बिहार को 15.04 करोड़ रुपए, राजस्थान को 20.80 करोड़ रुपए, मिजोरम को 1.63 करोड़ रुपए, महाराष्ट्र को 45.57 करोड़ रुपए, उत्तरप्रदेश को 63.47 करोड़ रुपए, झारखंड को 7.28 करोड़ रुपए, हिमाचल प्रदेश को 3.54 करोड़ रुपए, त्रिपुरा को 1.70 करोड़ रुपए , पश्चिम बंगाल को 24.89 करोड़ रुपए, गोआ को 1.34 करोड़ रुपए और चंडीगढ़ 69 लाख रुपए दिए गए हैं। हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह इस प्रतियोगिता में सफल नहीं हो पाए ।