कश्मीर में कई बार तबाही मचाने वाले कुख्यात हिज्बुल मुजाहिद्दीन आतंकी मौलाना मसूद अजहर का किस्सा तो उसी समय लगभग खत्म हो गया था, जब वह भारतीय सुरक्षाकर्मियों के हत्थे चढ़ गया था। उसे जेल में डाल दिया गया।
अजहर के भाग्य ने उस समय करवट ली, जब 24 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 814 का 5 आतंकियों ने अपहरण कर लिया था। विमान में कुल 178 यात्री थे। आतंकियों ने विमान को छोड़ने के लिए 35 इस्लामी उग्रवादियों की रिहाई और 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर नकद की मांग की थी। एक समझौते के तहत भारत ने 3 खूंखार आतंकवादियों को रिहा कर दिया। इनमें से एक था मौलाना मसूद अजहर।
रिहा होने के बाद अजहर पाक चला गया और उसने जैश-ए-मोहम्मद नामक आतंकी संगठन को जन्म दिया। इस आतंकी संगठन ने कई आतंकवादी हमले किए। इनमें 2001 में भारतीय संसद पर हुआ हमला और अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की निर्मम हत्या भी शामिल है। जनवरी 2002 में इसे पाकिस्तान की सरकार ने भी प्रतिबंधित कर दिया। इसके बाद जैश-ए-मुहम्मद ने अपना नाम बदलकर 'खुद्दाम-उल-इस्लाम' कर दिया। जम्मू कश्मीर विधानसभा पर हुए हमले में भी इस आतंकी की तलाश है।
जैश ए मुहम्मद ने 14 फरवरी 2019 को कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती हमला कराया, जिसमे 42 जवानों की मौके पर ही मौत हो गई। इस हमले का बदला लेते हुए भारतीय सेना ने बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक 2 की थी। इसमें जैश के कई ठिकाने बर्बाद कर दिए गए थे। अजहर मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया जा चुका है।