शरद पवार ने इस्तीफे का ऐलान करते हुए कहा कि मैंने अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि मुझे लंबे समय तक पार्टी का नेतृत्व करने का मौका मिला। अब मैं रिटायर होना चाहता हूं। पवार के इस्तीफे के बाद लोगों की नजरें इस बात पर लगी हुई है कि बेटी सुप्रिया सुले और भतीजे अजित पवार में से पार्टी की कमान कौन संभालेगा।
1984 में बारामती से वह पहली बार लोकसभा चुनाव जीते। 1987 में शिवसेना के बढ़ते प्रभाव के चलते उन्होंने कांग्रेस में वापसी की। 1993 में उन्होंने चौथी बार मुख्यमंत्री के पद शपथ ली थी और यह उनका सबसे विवादास्पद कार्यकाल रहा। वे नरसिम्हा राव सरकार में रक्षा मंत्री और मनमोहन सरकार में कृषि मंत्री भी रहे।
क्रिकेट की राजनीति में भी एक समय शरद पवार का जलवा दिखाई दिया। 2005 से 2008 तक वे बीसीसीआई प्रमुख रहे, 2010 से 2012 तक उन्होंने ICC की कमान संभाली। भारत सरकार उन्हें पद्मविभूषण सम्मान से सम्मानित कर चुकी है। 2017 में भारत सरकार उन्हें पद्मविभूषण सम्मान से सम्मानित कर चुकी है।