जम्मू और कश्मीर : कश्मीर और जम्मू डिवीजन विधान के साथ एक अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा जहां दिल्ली और पुडुचेरी की तरह विधानसभा होगी। जम्मू संभाग में 10 जिले हैं। जम्मू, सांबा, कठुआ, उधमपुर, डोडा, पुंछ, राजौरी, रियासी, रामबन और किश्तवाड़। जम्मू के भिम्बर, कोटली, मीरपुर, पुंछ हवेली, बाग, सुधान्ती, मुजफ्फराबाद, हट्टियां और हवेली जिले पाकिस्तान के कब्जे में हैं।
जम्मू संभाग का क्षेत्रफल पीर पंजाल की पहाड़ी रेंज में खत्म हो जाता है। इस पहाड़ी के दूसरी ओर कश्मीर है। इसके 10 जिले श्रीनगर, बड़गाम, कुलगाम, पुलवामा, अनंतनाग, कूपवाड़ा, बारामूला, शोपियां, गन्दरबल, बांडीपुरा हैं। यहां सुन्नी, शिया, बहावी, अहमदिया मुसलमानों के साथ हिन्दू, जिनमें से अधिकतर गुर्जर, राजपूत और ब्राह्मण रहते हैं। आतंकवाद का प्रभाव कश्मीर घाटी के कश्मीरी बोलने वाले सुन्नी मुसलमानों तक ही है।
2011 की जनगणना के मुताबिक जम्मू-कश्मीर (लद्दाख को मिलाकर) की जनसंख्या 1 करोड़ 25 लाख 41 हजार 302 है, लेकिन लद्दाख के अलग होने के बाद अब जम्मू-कश्मीर की जनसंख्या 1 करोड़ 22 लाख 67 हजार 13 हो जाएगी। जम्मू-कश्मीर का क्षेत्रफल (लद्दाख को मिलाकर) 222,236 किलोमीटर स्क्वायर है, लेकिन लद्दाख को हटाकर अब जम्मू-कश्मीर का क्षेत्रफल 163,040 किलोमीटर स्क्वायर हो जाएगा।
लद्दाख की आबादी : गृह मंत्री ने लद्दाख के लिए केंद्र शासित प्रदेश के गठन की घोषणा की, जहां चंडीगढ़ की तरह से विधानसभा नहीं होगी। लद्दाख एक ऊंचा पठार है जिसका अधिकतर हिस्सा 3,500 मीटर (9,800 फुट) से ऊंचा है। यह हिमालय और काराकोरम पर्वत श्रृंखला और सिन्धु नदी की ऊपरी घाटी में फैला है। लद्दाख क्षेत्र की आबादी लेह और करगिल जिलों के बीच आधे हिस्से में बंटी हुई है। कारगिल की कुल जनसंख्या में 76.87 प्रतिशत आबादी मुस्लिम (ज्यादातर शिया) है जबकि लेह में 66.40 प्रतिशत बौद्ध हैं।
आबादी 2011 की जनगणना पर आधारित है। वर्तमान में कश्मीर की अपेक्षा जम्मू की आबादी बढ़ी है। इस मान से वहां कि विधानसभा की सीटें ज्यादा होना चाहिए थे, लेकिन कश्मीर की पूर्ववर्ती सरकारों ने जानपूछ कर परिसिमत को टाला है जिसके चलते कश्मीर से ही मुख्यमंत्री बनता रहा है जम्मू से नहीं।