तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने कहा कि कुमार ने मंगलवार की शाम को राष्ट्रपति को संबोधित याचिका दायर की। फांसी तिहाड़ जेल में ही दी जानी है। उन्होंने कहा, ‘इस याचिका को भी दिल्ली सरकार के मार्फत गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा।’
न्यायमूर्ति श्रीकृष्ण ने दोषियों की अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आईसीजे उन्हीं मामलों में कुछ कर सकता है जो उसके क्षेत्राधिकार में आते हों। उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि आईसीजे इस मामले में दखल देकर फांसी रोक सकता है।' उन्होंने यह भी कहा कि आईसीजे अपील की अगली अदालत नहीं है।
उन्होंने कहा, 'इस मामले में उचित प्रक्रिया के तहत पहले निचली अदालत, फिर उच्च न्यायालय और उसके उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हुई। इसके अलावा, सभी दोषियों ने शीर्ष अदालत में कई पुनर्विचार याचिकाएं और सुधारात्मक याचिकाएं भी दायर कीं।'