नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने गुरुवार को निर्भया मामले में चौथा वारंट जारी किया। निर्भया के दोषियों पवन, अक्षय, मुकेश और विनय को को अब 20 मार्च को सुबह साढ़े 5 बजे फांसी दी जाएगी।
क्या होता है डेथ वारंट : दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) का फॉर्म नंबर 42 दोषी को फांसी की सजा का अनिवार्य आदेश है। इसे डेथ वारंट या ब्लैक वारंट कहा जाता है। इसे 'वारंट ऑफ एक्जीक्यूशन ऑफ ए सेंटेंस ऑफ डेथ' भी कहा जाता है। किसी भी अपराधी को जिसे अदालत ने मृत्युदंड दिया है, फांसी से पहले अदालत डेथ वारंट जारी करती है। इस वारंट के बिना किसी भी कैदी को फांसी की सजा नहीं दी जा सकती।
कब जारी होता है डेथ वारंट : डेथ वारंट फांसी की सजा से 2 हफ्ते पहले जारी किया जाता है। डेथ वारंट जारी करने से पहले जज दोषी या उसके वकील से बात करता है। दोषी को बता दिया जाता है कि उसे फांसी की सजा कब दी जाएगी। इससे वह व्यक्ति जिसे फांसी की सजा दी जा रही है, खुद से मानसिक रूप से इसके लिए तैयार कर लेता है।