बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि समान लक्ष्यों को हासिल करने के लिए भारत की 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' को जापान की 'फ्री एंड ओपन इंडो पेसिफिक स्ट्रेटजी' के साथ जोड़ने वाली 'जापान-भारत विशेष सामरिक एंड ग्लोबल पार्टनरशिप' को और अधिक मजबूत करने की जरूरत है। संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि भारतीय रक्षामंत्री अगले वर्ष जापान जाएंगी और दोनों देशों के बीच अगले साल टोकियो में टू प्लस टू डॉयलाग भी होगा।
दोनों पक्षों ने माना कि समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना उनके परस्पर हित में है और इस बात का विशेष रूप से उल्लेख किया कि भारत और जापान की नौसेनाएं व्यापक सहयोग के एक समझौते पर हस्ताक्षर करने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। इसके बाद हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के अन्य देशों को भी इसमें शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। (वार्ता)