गडकरी ने कहा कि उनके ये भाषण मुझे बहुत पसंद हैं। इसके मद्देनजर मैं इतना तो कह सकता हूं कि मैं देश के सामने समस्या नहीं रहूंगा। यदि सब लोग यह तय कर लें तो आधे प्रश्न तो सुलझाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि समाजसेवी कहते हैं कि समाज में ऐसा हुआ, वैसा हुआ।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अनेक व्यक्तियों की गुणवत्ता बढ़ाकर जब उनमें सुधार आएगा तो देश और समाज में भी स्वत: सुधार आ जाएगा। उन्होंने कहा कि सिस्टम को सुधारने के लिए हम दूसरों की तरफ अंगुली उठाते हैं, लेकिन खुद पर कभी अंगुली नहीं उठाते।