नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार देशभर में दुर्घटना की आशंका वाले स्थानों में सुधार लाने पर 20,000 करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर रही है। इससे कुछ खास बिंदुओं पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी।
परिवहन मंत्री ने कहा कि सड़क हादसों का एक प्रमुख कारण खराब इंजीनियरिंग है। हम पहले ही दुर्घटनाओं की आशंका वाले बिंदुओं की पहचान कर चुके हैं और हम इन्हें ठीक करने के लिए और अंडरपास और फ्लाईओवर बनाने के लिए 20,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर जागरूकता फैलाने के अलावा ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने जैसे महत्वपूर्ण कारकों पर गंभीर दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। हमने राज्य सरकारों को प्राथमिक शिक्षा में सड़क सुरक्षा से जुड़े अध्याय शामिल करने का भी सुझाव दिया है। सरकार वाहन क्षेत्र में भी एहतियात बरतने वाले कदम उठा रही है, इसमें सीट बेल्ट रिमाइंडर जैसी चीजें शामिल हैं।
'भारत में रियर सीट बेल्ट का उपयोग एवं शिशु सड़क सुरक्षा' रिपोर्ट के मुताबिक शोध में भाग लेने वाले कुल 6,306 प्रतिभागियों में 90 प्रतिशत ने माना कि वे पीछे की सीट पर लगी सीट बेल्ट का उपयोग नहीं करते हैं। रिपोर्ट में पता चला है कि 92.8 प्रतिशत प्रतिभागियों को चाइल्ड हेलमेट के फायदों के बारे में पता है। बावजूद इसके 20.1 प्रतिशत लोग ही चाइल्ड हेलमेट रखते हैं। सड़क परिवहन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ 2017 में सड़क हादसों में 9,408 बच्चों की मौत हुई थी।
निसान इंडिया के अध्यक्ष थॉमस कुइहल ने कहा कि देश में सड़क सुरक्षा को लेकर काफी पहलें की गई हैं लेकिन पिछली सीट पर सीट बेल्ट पहनने की बात को पूरी तरह नजरंदाज किया गया है। सेवलाइफ फाउंडेशन और शार्प ने पिछली सीट पर बेल्ट पहनने के लिए देश के 12 शहरों में 240 स्कूलों में 2 लाख बच्चों को इस बारे में शिक्षित करने का लक्ष्य तय किया है।