उन्होंने कहा कि नीतीश बाबू, भारत की जनता अब जागरुक हो चुकी है। स्वार्थ से और सत्ता की कुटिल राजनीति से प्रधानमंत्री नहीं बना सा सकता। विकास के काम करने से, अपनी विचारधारा के प्रति समर्पित रहने से और देश की सरक्षा को सुनिश्चित करने से ही देश की जनता प्रधानमंत्री बनाती है। वो राजद छोड़कर भाजपा के साथ भी आ सकते हैं। नीतीश की एक ही नीति है- कुर्सी मेरी अक्षुण्य रहनी चाहिए।