वित्तमंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में रामसिंह राठवा के प्रश्न के उत्तर में कहा कि सहकारी बैंक किसी अन्य व्यावसायिक बैंक की तरह काम करते हैं और आयकर अधिनियम की धारा 80पी के तहत उन्हें छूट देने से जुड़ा प्रिंसीपल ऑफ म्युचियलिटी उन पर लागू नहीं होता, क्योंकि उनका कार्यक्षेत्र गैर-सदस्यों के लिए भी होता है।
वित्तमंत्री ने कहा कि आयकर लाभ पर कर होता है और लाभ अर्जित कर रहीं सहकारी बैंकों को आयकर भुगतान से छूट देने के पीछे कोई तर्क नहीं है। जेटली ने कहा कि इनमें से अधिकतर बैंक कई तरह की बैंकिंग सुविधाएं भी प्रदान करती हैं, मसलन लॉकर और सुरक्षित जमा वॉल्ट तथा बैंक गारंटी आदि। (भाषा)