इस मामले तथा इसकी अपील पर सुनवाई के दौरान कोडनानी ने दावा किया था कि घटना के समय वह गुजरात विधानसभा तथा बाद में यहां सोला सिविल अस्पताल में उपस्थित थीं जहां एक दिन पहले यानी 27 फरवरी को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक कोच एस 6 को जलाने के चलते मारे गए 59 कारसेवकों के शव लाए गए थे।