बताया जा रहा है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों से यशवंतपुर (बेंगलुरु)-हावड़ा एक्सप्रेस के टकराने से बिजली के तार संभवत: टूट गए। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि कई शव पहचानने लायक भी नहीं थे। इनमें से लगभग 40 ऐसे शव थे, जिनमें कोई चोट के निशान या कहीं से भी रक्तस्राव नहीं था। इनमें से कई मौतें संभावित रूप से करंट लगने से हुई हैं।
मौत के आंकड़ों पर सवाल : खुर्दा रोड डिविजन के डिविजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) रिंकेश रॉय ने बताया कि इस हादसे में 278 लोगों की मौत हुई है और करीब 1100 लोग घायल हुए हैं। 278 शवों में से 177 की पहचान कर ली गई है जबकि 101 शवों की पहचान बाकी है और इन शवों को 6 अस्पतालों में रखा गया है। इससे पहले, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और पूर्व रेल मंत्री ममता बनर्जी ने आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उनके राज्य के ही 61 लोग मारे गए हैं और 182 अन्य अब भी लापता हैं।