मार्गी पटेल ने कहा, हमने ओएनजीसी को पर्यावरण क्षति मुआवजे के रूप में राज्य सरकार के अधिकारियों को 50 लाख रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिया है। अधिकारी ने कहा कि ऊंटों की मौत का वास्तविक कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
ओएनजीसी ने एक बयान में कहा, क्षेत्र में ऊंटों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत और तेल रिसाव दो ऐसी घटनाएं हैं, जिनका आपस में कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि एक जिम्मेदार कंपनी के रूप में ओएनजीसी ने जीपीसीबी, राज्य प्रशासनिक एजेंसियों और घटना की जांच कर रही फॉरेंसिक टीम को सभी सहायता प्रदान करना जारी रखा है।
मृत ऊंटों में से कुछ के मालिक ने बताया कि रविवार दोपहर कुल 77 ऊंटों को पास के एक गांव में चराने के लिए ले जाया जा रहा था। उसने दावा किया कि इनमें से कुछ ऊंटों ने खेत में कच्चे तेल से दूषित पानी पी लिया और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। ऊंटों के मालिक ने कहा कि कम से कम 25 ऊंटों की मौत हो गई, जबकि अन्य का पशु चिकित्सकों ने इलाज किया और उनकी हालत स्थिर है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)