जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में राज्य के विपक्षी नेताओं के एक शिष्टमंडल ने कश्मीर के हालात पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सोमवार को मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपकर राज्य में पैलेट बंदूकों पर 'तत्काल' प्रतिबंध लगाने की मांग की। उमर के नेतृत्व में शिष्टमंडल ने प्रधानमंत्री मोदी से अनुरोध किया कि वे कश्मीर घाटी में सभी पक्षों के साथ तुरंत बातचीत शुरू करें।
जानकारी के अनुसार, कश्मीर में अशांति के बीच राज्य के विपक्षी दलों का एक शिष्टमंडल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर रहा है और संकट के 'राजनीतिक समाधान' के लिए सभी पक्षों के साथ बातचीत शुरू करने की जरूरत पर बल दे रहा है।
शिष्टमंडल में माकपा विधायक मोहम्मद युसुफ तारिगामी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीए मीर, नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता और कुछ निर्दलीय विधायक शामिल हैं। विपक्षी दलों के सूत्रों ने बताया कि वे प्रधानमंत्री से आग्रह करेंगे कि वे राज्य सरकार को स्थिति से प्रशासनिक तौर पर निपटने से रोके क्योंकि इससे लोगों में, खासकर युवाओं में अभूतपूर्व विलगाव पैदा हो रहा है। सूत्रों ने कहा कि वह और समय बर्बाद किये बिना अशांति को समाप्त करने के लिए सभी पक्षों के साथ विश्वसनीय और अर्थपूर्ण वार्ता की जरूरत को रेखांकित करेगा।
इससे पहले कश्मीर घाटी में पिछले 44 दिनों से जारी कर्फ्यू के बीच जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार को राज्य के विपक्षी दलों के संयुक्त शिष्टमंडल के साथ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाले इस शिष्टमंडल ने राज्य में हिंसक अशांति की स्थिति से निपटने के लिए राजनीतिक समाधान निकाले जाने की वकालत की। राज्य में अब तक 71 लोगों की मौत हो चुकी है। इस शिष्टमंडल ने बीते दिनों राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात भी की थी।