श्रीनगर। तेल विपणन कंपनियों को कश्मीर घाटी में एलपीजी सिलेंडरों की करीब 2 महीने की आपूर्ति का स्टॉक रखने का निर्देश देने संबंधी एक सरकारी आदेश को लेकर जताई जा रहीं अटकलों पर रविवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने विराम लगाया दिया। उन्होंने स्पष्ट किया है कि मानसून के दौरान भारी बारिश के चलते बार-बार राजमार्गों के अवरुद्ध होने के कारण सिलेंडरों के भंडारण का यह आदेश दिया गया है।
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि बारिश के दिनों में राष्ट्रीय राजमार्ग-44 रामबन-जवाहर टनल के बीच प्रभावित रहता है। वर्तमान में हम कश्मीर में करीब 1 महीने का भंडार रखकर चलते हैं। उन्होंने कहा कि हमने एलपीजी कंपनियों को करीब 2 महीने का स्टॉक रखने की संभावनाओं पर विचार करने का अनुरोध किया है ताकि अगले 3 महीने तक बारिश अथवा अन्य कारणों के चलते राजमार्ग बंद होने की सूरत में लोगों के बीच अफरा-तफरी का माहौल नहीं बने।
उन्होंने कहा कि इस आदेश को लेकर कई लोग अफवाह फैला रहे हैं। कश्मीर में खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के विभाग के निदेशक द्वारा भंडारण संबंधी आदेश जारी किए गए थे। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय बलों के ठहरने का प्रावधान करने के लिए गंदेरबल जिला पुलिस की एक और विज्ञप्ति का हवाला दिया और कहा कि इस तरह के आदेश कश्मीर में दहशत पैदा करते हैं और हम सरकार से स्पष्टीकरण की मांग करते हैं।
गंदेरबल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अपनी विज्ञप्ति में जिला प्रशासन से मध्य कश्मीर जिले में आईटीआई इमारतों, मध्य और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों समेत 16 शैक्षणिक संस्थानों को उपलब्ध कराए जाने का आग्रह किया है। एसएसपी ने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के ठहरने के लिए इन इमारतों की आवश्यकता है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता तनवीर सादिक ने सरकार से स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा कि कश्मीर के लोग 1 और साल भय और बेचैनी में नहीं बिता सकते हैं।