दीपिका जी... सुन रही हैं ना...

अनुराग गौड़ (मूषक) 
दीपिका जी...
अरे कैसी हैं आप..? बढ़िया ही होंगी बड़ी हस्ती जो हैं ...हम भी कुशल मंगल ही हैं बाकी आपके तो न जी भक्त हैं हम, अब का करें आप काम ही इतना विकट करती हैं नाम रोशन कर दिए हैं एकदम ....पर इस बार आपने हमारा दिल तोड़ दिया.. पता है कैसे??
 
आपने कहा कि हमारा जो देश है वो regressive हो रहा है ... अब ये क्या शब्द हुआ भला, हमें तो पता भी नहीं इसे हिंदी मे क्या कहते हैं? वैसे शायद आपको भी पता नही होगा क्योंकि आपके लिए progressive होना मतलब अंग्रेजी झाड़ना है .... वैसे एक बात बताएं हमें, आप जो भी हैं हिंदी की वजह से है मने मान मर्यादा पद प्रतिष्ठा और सबसे बढ़ के पैसा सब हिंदी फिल्मों से मिला है आपको ...... फिर आप फिल्मों के बाहर या तो हिंदी बोलती नहीं या ऐसन हिंदी बोलती हैं के कान फट जाएं। ऐसा क्यों?
 
ये आपका नहीं सब progressive फिल्म वालों का यही हाल है ... मने progressive का मतलब जिससे आपको रोटी मिले उसी को लात मारो, तो फिर तो सही ही है न जब आपको आज का सम्मान नहीं तो इतिहास का काहे होगा... पर हमें आपका फिल्म से कोई समस्या नहीं.... अच्छी होगी देखेंगे, नहीं होगी तो काहे पैसा बरबाद करेंगे।
 
दूसरा progressive का हमको ये समझ नहीं आया कि आपने आजतक फ़िल्मी दुनिया में होने वाले दुष्कर्म के बारे में कछु नहीं कहा और न किसी फ़िल्मी हस्ती के दुष्कर्मी के बारे में जबकि आप भीतर की मछली हैं आपको पता सब होगा हम ख़ूब जानते हैं ... तो हमें तो यही पता है कि बुराई को देखकर भी और बुराई होते देखकर भी जो मूंह न खोले वही regressive होता है।
 
...अब आप या तो कह दो की ई मायानगरी मे सब दूध का धुला है या फिर कम से कम अपना पैसे ले कर भी ये “My Choice” जैसा नाटक बंद कर दो।
 
.... आखिर सब choice से तो बॉलीवुड मे अपना शोषण नहीं करा रहे होंगे...
 
लोग जो भी आपके साथ कर रहे हैं अगर आप भी मुंह से वही करेंगे तो आप में और उनमें का फरक रह जाएगा बताइए...नहीं नहीं आप बताइए ..... आप देश को गाली दिए दे रहे हैं ...
 
आपने दिल तोड़ दिया हमारा ....चौराहे चौराहे लतिया रहे हैं लोग हमें आपके चक्कर में ...जाइए हमें आपसे बात ही नहीं करनी, हम गुस्सा हो गए ....
जय राम जी की
 
आपका उदास भक्त.....
Mooshak मूषक

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