नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की फायरिंग जारी, 10 हजार लोग प्रभावित

सोमवार, 15 मई 2017 (07:46 IST)
जम्मू। पाकिस्तानी सैनिकों ने रविवार को लगातार दूसरे दिन राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा के पास के इलाकों में गोलाबारी की जिससे 10 हजार लोग प्रभावित हुए हैं और सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले 1,100 लोगों को वहां से निकाला गया।
 
पाकिस्तानी सेना ने शनिवार को नौशेरा इलाके में स्थित नियंत्रण रेखा के पास अग्रिम चौकियों पर और असैन्य इलाकों में मोर्टार दागे थे। शनिवार के हमले में 2 नागरिक मारे गए थे और 3 लोग घायल हो गए थे। केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान के संघर्षविराम उल्लंघन के खिलाफ सेना मुंहतोड़ जवाब दे रही है।
 
उन्होंने रविवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि पाकिस्तान जो कुछ कर रहा है, वह हर कोई जानता है। उसका न सिर्फ अभी शत्रुतापूर्ण रुख है बल्कि वह पिछले 70 साल से ऐसा कर रहा है। लेकिन अब यह अंतर है कि जिस तरह की जवाबी कार्रवाई भारत की ओर से की जा रही है वैसी दशकों से नहीं दिखी है और सीमा पर रह रहे लोग इस बात के गवाह हैं। 
 
एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने राजौरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास सुबह 6 बजकर 45 मिनट से एक बार फिर छोटे हथियारों, 82 मिमी और 120 मिमी मोर्टारों से अंधाधुंध गोलाबारी शुरू की है तथा भारतीय सेना की चौकियां प्रभावी और मजबूत ढंग से जवाब दे रही हैं। गोलीबारी जारी है। राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा पर पिछले 2 दिनों से गोलीबारी हो रही है।
 
राजौरी के उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने कहा कि राजौरी के ‘चिटीबकरी’ इलाके में संघर्ष विराम के ताजा उल्लंघन की बात सामने आई है। उन्होंने कहा कि राजौरी के मंजाकोटे इलाके में भारी गोलीबारी सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर शुरू हुई। 7 से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं। चौधरी ने कहा कि कई इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा है।
 
नौशेरा सेक्टर के 51 स्कूलों को अनिश्चितकाल के लिए बंद किया गया है जबकि मंजाकोट और डूंगी क्षेत्रों के 36 स्कूलों को 3 दिन के लिए बंद किया गया है। 87 स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 4,600 है।
 
चौधरी ने कहा कि गोलीबारी की इन घटनाओं से 2,694 परिवारों के 10,042 लोग प्रभावित हुए हैं। इनमें 3 लोग मारे गए हैं, 6 घायल हो गए और 65 मवेशी मारे गए और खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा 11, 13 और 14 मई की गोलीबारी में 45 मकान आंशिक तौर पर अथवा गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 
 
जिला प्रशासन ने मारे गए लोगों के परिजनों को 1-1 लाख की तत्काल राहत राशि दी है साथ ही घायलों की भी अर्थिक सहायता की है। पाकिस्तान की गोलीबारी के बाद प्रशासन ने अब तक 298 परिवारों के 1,114 लोगों को नौशेरा में बने 5 राहत शिविरों में पहुंचाया है।
 
चौधरी ने कहा कि अधिकारियों और पुलिस ने अपनी जिंदगी को दांव पर लगाते हुए गोलाबारी से प्रभावित विभिन्न गांवों से 1,110 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला और जिला प्रशासन द्वारा स्थापित विभिन्न शिविरों में पहुंचाया। इन शिविरों में राशन, भोजन पकाने, पेयजल, स्वच्छता, प्राथमिक उपचार और रहने की उचित व्यवस्था जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। 
 
उन्होंने कहा कि अब तक 3 शिविरों का संचालन शुरू किया जा चुका है और प्रभावित गांवों से संभावित प्रवास को ध्यान में रखते हुए 28 अन्य शिविरों को अधिसूचित कर दिया गया है। घायलों को उपचार के लिए ले जाने के लिए 6 एम्बुलेंसों को लगाया गया है। नौशेरा में एक मोबाइल मेडिकल यूनिट को लगाया गया है और एक यूनिट अग्रिम इलाकों में लगाई गई है। राहत शिविर में सुविधाओं की व्यवस्था के लिए विभिन्न विभागों के लगभग 120 अधिकारी लगाए गए हैं। समन्वय के लिए एसडीएम नौशेरा के दफ्तर में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।
 
पिछले माह सरकार ने कहा था कि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने पिछले 1 साल में 268 बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया था। भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम नवंबर 2003 में लागू हुआ था। (भाषा)

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