करतारपुर कॉरिडोर : इमरान के बयान को हरसिमरत कौर ने बताया शर्मनाक, कहा आस्था के नाम पर कर रहे हैं कारोबार
सोमवार, 21 अक्टूबर 2019 (15:33 IST)
चंडीगढ़। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शनार्थ जाने वाले भारतीय श्रद्धालुओं से सेवा शुल्क के रूप में 20 डॉलर वसूल करने पर अड़े रहने के लिए पाकिस्तान की निंदा करते हुए कहा है कि पड़ोसी देश ‘आस्था के नाम पर कारोबार’ कर रहा है।
हरसिमरत ने ट्वीट किया कि पाकिस्तान द्वारा करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए 20 रुपए डॉलर प्रति व्यक्ति शुल्क लगाया जाना घटियापन है। गरीब श्रद्धालु कैसे यह रकम देगा? पाकिस्तान ने आस्था के नाम पर कारोबार किया है। इमरान खान का यह बयान बेहद शर्मनाक है कि यह शुल्क पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा और इससे विदेशी मुद्रा प्राप्त होगी।
इससे पहले, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी 20 डॉलर सेवा शुल्क मांगने पर पाकिस्तान की निंदा करते हुए था कि यह ऐतिहासिक गुरुद्वारे के दर्शन के लिए ‘टिकट लगाने’ के समान है।
दोनों देशों के बीच पिछले महीने बैठक के तीसरे दौर में भारत ने 20 डॉलर सेवा शुल्क के मामले पर पाकिस्तान के ‘लगातार अड़े’ रहने पर निराशा जताई थी और उससे इस पर पुनर्विचार करने का कहा था।
भारत और पाकिस्तान ने पिछले साल नवंबर में करतारपुर गलियारा बनाने पर सहमति जताई थी। यह गलियारा पाकिस्तान में करतारपुर स्थित दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक धर्मस्थल से जोड़ेगा।
भारतीय श्रद्धालु इससे होकर वीजा मुक्त आवाजाही करेंगे। श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब जाने के लिए सिर्फ एक परमिट लेना होगा। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के मद्देनजर इस गलियारे को नवंबर में खोला जाएगा। गुरु नानक देव ने 1522 में करतारपुर साहिब की स्थापना की थी।
पाकिस्तान भारतीय सीमा से करतारपुर स्थित गुरूद्वारा दरबार साहिब तक गलियारे का निर्माण कर रहा है, जबकि पंजाब में गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से सीमा तक गलियारे का दूसरा हिस्सा भारत बना रहा है।
पाकिस्तान ने किया कॉरिडोर खोलने की तारीख का ऐलान : पाकिस्तान करतारपुर गलियारे को 9 नवंबर को खोलेगा। प्रधानमंत्री इमरान खान ने फेसबुक पोस्ट में यह घोषणा की। श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब जाने के लिए सिर्फ एक परमिट लेना होगा।
खान ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा कि पाकिस्तान दुनियाभर के सिखों के लिए अपने दरवाजे खोलने के लिए पूरी तरह तैयार है और करतारपुर परियोजना पर निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है। उसे 9 नवंबर 2019 को लोगों के लिए खोल दिया जाएगा।