गुजरात तट पर पाकिस्तानी नाव के नापाक इरादे नाकाम

शनिवार, 3 जनवरी 2015 (09:18 IST)
नई दिल्ली। नए साल पर गुजरात व भारत को दहलाने की पाकिस्तान की बड़ी साजिश को भारतीय तटरक्षक दल ने खुफिया जानकारी के आधार पर नाकाम कर दिया। मुंबई हमले के साढ़े छह साल बाद एक बार फिर अरब सागर में नववर्ष की पूर्व संध्या पर बुधवार देर रात करीब 11 बजे पोरबंदर से 365 किलोमीटर दूर भारतीय समुद्री सीमा में विस्फोटकों से भरी पाकिस्तानी नाव को खुफिया जानकारी के आधार पर गश्त कर रहे तटरक्षक के डोनियर एयरक्राफ्ट ने घेर लिया।
इस नाव में भारी मात्रा में विस्फोटक भरा हुआ था। समाचार अनुसार पाकिस्तान के कराची तट से रवाना हुई इन दो नाव में आतंकवादी सवार थे। दो नावों में से एक को घेर लिया जबकि दूसरी बचकर भाग निकली। नौका को घेरे जाने के बाद नौका में सवार आतंकवादियों ने नौका को विस्फोट से उड़ा दिया। नौका में सवार लाइफ जैकेट पहने दो आतंकवादियों को समुंदर में कुदते हुए देखा गया जिनकी तलाश जारी है। 
 
ताजा समाचार अनुसार पोरबंदर पोर्ट से 350 किलोमीटर दूर दो पाकिस्तानी नावें थीं। एक नाव में विस्फोट हुआ, लेकिन दूसरी नाव पाकिस्तान की तरफ चली गई। अब भारतीय कोस्ट गार्ड्स कोशिश कर रहे हैं कि दूसरी नाव के लोकेशन का पता लगाया जा सके।
 
पहली नाव में चार आतंकवादियों में से 2 आतंकवादियों को नाव में विस्फोट के बाद लाइफ जैकेट के सात समुंदर में कुदते हुए देखा गया था। बताया जाता है कि ये आतंकवादी लगातार कराची से संदेश प्राप्त कर रहे थे। इस संदेश में आतंकवादियों ने कहा था हथियार मिल गए। यह ज्ञात हुए है कि आतंकवादियों को मिले संदेश अनुसार उनको कहा गया था कि आपके घर पर 5-5 लाख रुपए पहुंचा दिए गए हैं। भारतीय रक्षा विशेषज्ञों अनुसार बिना पाकिस्तान के सहहयोग के इतने बड़े काम को अंजाम देना ‍मुश्किल है।
 
अगले पन्ने पर जानिए पूरा घटना क्रम...
 

शुक्रवार की इस घटना के बाद तटरक्षक के उप महानिदेशक के.आर.नौटियाल ने कहा कि संदिग्ध नाव का सीमा पर आना और पकड़े जाने पर नाव में सवार लोगों द्वारा विस्फोट कर खुद को खत्म कर लेना बेहद गंभीर मामला है।
 
नौटियाल ने संवाददाताओं से कहा कि हिंद महासागर में जब तटरक्षक ने नाव को जांच के लिए रुकने का संकेत दिया, तो पहले उसने भागने का प्रयास किया। फिर छह घंटे बाद नाव की तमाम बत्तियां बुझा दी गईं। उसमें सवार चार लोग छत के नीचे छिप गए और इसके बाद नाव में आग लगा दी, जिससे विस्फोट हो गया। संभवत: वे नाव में विस्फोटक भरकर ले जा रहे थे।
 
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, नाव कराची के केटी बंदर से चली थी, जिसकी मंशा किसी अवैध आदान-प्रदान की थी। तटरक्षक के एक जहाज ने उस नाव को जांच के लिए रुकने की चेतावनी दी, लेकिन उसने अपनी गति और बढ़ाकर भागने का प्रयास किया।
 
बयान के मुताबिक, 'करीब एक घंटे तक उस नाव का पीछा किया गया। गोलीबारी की चेतावनी देने के बाद उसे रोक पाने में सफलता मिली।' उस नाव पर कुल चार लोगों को देखा गया। इसके बाद नाव की तमाम बत्तियां बुझा दी गईं।
 
अंत में संदिग्ध चालक दल ने खुद को जहाज की छत के नीचे छिपा लिया और नौका में आग लगा दी, जिसके बाद एक जोरदार धमाके के साथ भीषण आग लग गई।
 
बयान के मुताबिक, 'अंधेरा, खराब मौसम तथा तेज हवाओं के कारण नौका तथा उसमें सवार लोगों को नहीं बचाया जा सका। नौका पूरी तरह जल गई और एक जनवरी की सुबह डूब गई। नौटियाल ने कहा कि नौका सुबह 6.33 बजे डूब गई। उन्होंने कहा, 'कुछ ऐसा था, जो गंभीर था। नहीं तो भागने या लाइट ऑफ करने का कोई कारण ही नहीं था।'
 
जब नाव डूबी, उस वक्त भारतीय डोरनियर विमान हवा में था। उन्होंने इस घटना को खुफिया और सुरक्षा बलों के बीच बेहतर समन्वय का परिणाम बताया।
 
इस घटना ने नवंबर 2008 को हुए मुंबई हमले की याद ताजा कर दी, जब समुद्र के रास्ते से 10 पाकिस्तानी आतंकवादी मुंबई में घुसे और 166 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। 
 
सूत्रों का कहना है कि भारतीय तटरक्षक दल को करीब चार माह से गुजरात की समुद्री सीमा में घुसपैठ करके गुजरात व भारत में बड़ी आतंकी साजिश को अंजाम दे सकते हैं। इसके चलते तटरक्षक व गुजरात पुलिस की मरीन पुलिस काफी सतर्क थी। (एजेंसी)

वेबदुनिया पर पढ़ें