जुलाई, 2018 में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रही थी। मुख्य रूप से कोयला, कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस और रिफाइनरी उत्पादों का उत्पादन घटने से बुनियादी उद्योगों की वृद्धि की रफ्तार सुस्त पड़ी है। 8 बुनियादी उद्योगों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली आते हैं।
आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन महीने में कोयला, कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस और रिफाइनरी उत्पादों के उत्पादन में इससे पिछले साल के समान महीने की तुलना में गिरावट आई।
इतना ही नहीं ताजे आंकड़ों के मुताबिक कृषि विकास दर 5.8 से घटकर 2 प्रतिशत पर आ गई है। ऐसे में मोदी सरकार के उन दावों की भी हवा निकलती दिख रही है, जिसमें कहा जा रहा था कि किसानों की आय 2021-22 तक दोगुना करने का काम किया जाएगा। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में तो हालात और भी बुरे हैं। इस क्षेत्र की विकास दर 12.1 प्रतिशत से घटकर मात्र 0.6 फीसदी पर आ गई है।