रहमानी ने कहा, सत्ताधारी पार्टी के कुछ लोगों ने पैगंबर पर आपत्तिजनक और अशोभनीय टिप्पणी की, जिससे देश के सभी मुसलमानों को सख़्त तकलीफ़ पहुंची और वैश्विक स्तर पर भी इसके कारण देश की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची। ऐसे जघन्य अपराध करने वालों को पार्टी से निलंबित करना निश्चित रूप से अच्छी बात है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। ऐसे कुकृत्य करने वालों को कठोर दंड दिया जाए, उनके विरुद्ध क़ानूनी कार्यवाही की जाए।
रहमानी ने इस मामले को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन को उचित और स्वाभाविक करार देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन करने वालों के विरुद्ध जिस प्रकार एकतरफ़ा और भेदभावपूर्ण कार्यवाही की जा रही है, वह अफ़सोसनाक और निंदनीय है।(भाषा)