पेट्रोल और डीजल के दाम पिछले एक महीने में 2 रुपए प्रति लीटर से ज्यादा बढ़ चुके हैं। इसके पीछे मुख्य रुप से अमेरिका और चीन के बीच व्यापार मोर्चे पर टकराव समाप्त होने की उम्मीद के साथ - साथ तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक के सहयोगी रूस द्वारा तेल आपूर्ति में कटौती बढ़ाने की घोषणा शामिल है। चीनी-अमेरिका व्यापार युद्ध से वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में गिरावट आई है।
प्रधान ने अल - फलीह के साथ बैठक के बाद ट्वीट में कहा, 'मैंने ईंधन की बढ़ रही कीमतों पर अपनी चिंताअल - फलीह के सामने जाहिर की है और कीमतों को उचित स्तर बनाए रखने के लिए उनसे सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की है।'
रविवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा गया, 'प्रधान ने कच्चे तेल के प्रमुख उत्पादक और वैश्विक तेल बाजार में संतुलन बनाए रखने में सऊदी अरब की भूमिका का उल्लेख किया।' बयान में कहा गया है कि प्रधान ने वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में जारी तेजी को लेकर चिंता जताई। प्रधान ने ओपेक समेत अन्य देशों के उत्पादन में कटौती के निर्णय को देखते हुए भारत को कच्चे तेल और रसोई गैस की निर्बाध आपूर्ति की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
दोनों मंत्रियों ने हाल में हुई भू - राजनीतिक घटनाक्रमों का वैश्विक तेल बाजार पर पड़ने वाले नकारात्मक असर पर भी चर्चा की है। हालांकि , इसमें भारत की मांग के संबंध में अल - फलीह ने क्या कहा इसके बारे में नहीं बताया गया है।