मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए 600 से अधिक जिलों के किसानों से बातचीत करते हुए कहा कि कृषि आय बढ़ाने के लिए सरकारी नीति में 4 बड़े कदम लागत खर्च में कटौती, फसलों की उचित कीमत, उत्पादों को खराब होने से बचाना तथा आय के वैकल्पिक स्रोत सृजित करना उठाए गए हैं तथा उनकी सरकार के पहले 4 सालों के दौरान पूवर्वर्ती संप्रग सरकार के 5 सालों की तुलना में कृषि क्षेत्र का बजट दोगुना करके 2.12 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि 2018-19 के बजट में किसानों को उनकी लागत के 150 प्रतिशत के समतुल्य कीमत दिलाने के लिए कदम उठाए गए हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि हमारे मेहनती किसानों की आय 2022 तक दोगुनी हो जाए। इसके लिए हम जहां भी जरूरत पड़े, समुचित मदद उपलब्ध करा रहे हैं। हमें देश के किसानों पर भरोसा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में न सिर्फ रिकॉर्ड फसल उत्पादन हो रहा है बल्कि दूध, फल और सब्जियों का उत्पादन भी सर्वकालिक उच्च स्तर पर है। 2010 से 2014 के बीच औसतन 25 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन की तुलना में 2017-18 में 28 करोड़ टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है। दालों का उत्पादन भी 10.5 प्रतिशत बढ़ा है।
मोदी ने किसानों को बुवाई से लेकर उनके उत्पाद बाजार तक पहुंचाने की प्रक्रिया में मदद के लिए नीतिगत हस्तक्षेप की योजना की बात करते हुए कहा कि हमारा प्रयास किसानों को कृषि के हर चरणों बुवाई, बुवाई के बाद तथा कटाई में सहायता मुहैया कराना है। सबसे पहले किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया जा रहा है जिससे उन्हें उनकी जमीन की उर्वरता की जानकारी दी जा सके तथा उर्वरकों के इस्तेमाल के बारे में सलाह दी जा सके। इसके बाद उन्हें ऋण मुहैया कराया जा रहा है जिससे कि वे अच्छी गुणवत्ता के बीज खरीद सकें।