उन्होंने कहा, कभी-कभी पीड़ा होती है कि जिन बच्चों के हाथों में लैपटॉप होना चाहिए, बॉलीबॉल की गेंद होनी चाहिए, क्रिकेट बैट होना चाहिए, किताबें और मन में सपने होने चाहिए, ऐसे निर्दोष बच्चों के हाथों में पत्थर पकड़ा दिए जाते हैं। कुछ लोगों की राजनीति तो चल जाएगी, लेकिन मेरे इन भोलेभाले बच्चों का क्या होगा? इसलिए इंसानियत, कश्मीरियत को दाग नहीं लगने दिया जाएगा।