पीएम मोदी बोले, लोकसभा से बड़ी होती है जनसभा

शुक्रवार, 11 सितम्बर 2015 (12:30 IST)
चंडीगढ़। संसद में गतिरोध के लिए कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 400 सांसदों की इच्छा के विरूद्ध 40 सांसद देश के विकास को अवरूद्ध करने की साजिश रच रहे हैं जो लोकतंत्र का अपमान है। प्रधानमंत्री ने अपने दौरे के दौरान चंडीगढ़ में नागरिकों को हुई असुविधा खासकर स्कूलें बंद होने को लेकर खेद जताया। उन्होंने कहा‍ कि जांच कराई जाएगी और चंडीगढ़ के लोगों को हुई परेशानी के लिए जिम्मेदारी तय की जाएगी।
 
यहां एक रैली में अपने सख्त लहजे वाले संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपनी भावना जनता के साथ साझा करने का निर्णय किया है क्योंकि ‘जनसभा’ निचले सदन ‘लोकसभा’ से बड़ी होती है और इतने बड़े जनादेश के बावजूद लोकसभा में उनकी आवाज ‘दबाई’ जा रही है।
 
कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने यहां रैली में कहा कि देश में लोकतंत्र के बारे में जागरूकता फैलाने और जनता को अपने जन प्रतिनिधियों पर संसद में कामकाज करने और सवाल उठाने, चर्चा में हिस्सा लेने तथा सदनों में कार्यवाही चलाने के लिए दबाव बनाने की जरूरत है।
 
संसद में कामकाज में व्यवधान का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि लोग ऐसे विपक्षी दलों को माफ नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा से भी बड़ी ‘जन सभा’ है और इसलिए मैं यहां अपनी बात रख रहा हूं। कुछ लोग (विपक्ष) केवल अपने अहंकार के लिए ऐसा कर रहे हैं। इससे बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण बात और कुछ नहीं हो सकती है। लोग कुछ दलों को संसद में उनके आचार-व्यवहार के लिए क्षमा नहीं करेंगे।
 
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, '400 सांसदों की इच्छा के विरूद्ध 40 सांसद देश के विकास को अवरूद्ध करने की साजिश रच रहे हैं।' 
 
पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में रैली में प्रधानमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र से काफी बड़ी संख्या में लोग सशस्त्र बलों में हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पूर्व सैनिकों के लिए वन रैंक, वन पेंशन के वादे को पूरा किया। मोदी ने कहा कि पूर्व की सरकार ने इस विसंगति के बारे में पर्याप्त ध्यान नहीं दिया।
 
पूर्व की कांग्रेस नीत संप्रग सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अगर उसने इस बारे में ध्यान दिया होता तब वह इसके लिए केवल 500 करोड़ रूपये आवंटित नहीं करती।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि सशस्त्र बलों के पूर्व सैनिकों को वन रैंक, वन पेंशन लागू करने के लिए देश के गरीबों का धन्यवाद करना चाहिए, जिस पर प्रतिवर्ष 10 हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा। (भाषा)

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