प्रवासी भारतीय सम्मेलन में क्या बोले मोदी...

रविवार, 8 जनवरी 2017 (11:20 IST)
बेंगलुरु। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के विकास में प्रवासी भारतीयों के अप्रतिम योगदान को  रेखांकित करते हुए उन्हें हर तरह की सहायता तथा सहयोग देने का आश्वासन देते हुए रविवार  को यहां कहा कि उनकी सरकार 'ब्रेन ड्रेन' को 'ब्रेन गेन' में बदलने के लिए पूरी तरह प्रयासरत  है और विदेशों में काम करने के इच्छुक भारतीयों के लिए 'विशेष कौशल योजना' शुरू करेगी।
 
 
मोदी ने यहां आयोजित 14वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह  आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विदेशों में 1 करोड़ 30 लाख से अधिक प्रवासी भारतीय  विभिन्न देशों में रह रहे हैं और वे भारतीय अर्थव्यवस्था में सालाना 69 अरब डॉलर का  योगदान करते हैं। 
 
उन्होंने कहा कि इन प्रवासी भारतीयों में देश के विकास के लिए अदम्य इच्छाशक्ति है और वे  देश की प्रगति में सहयात्री हैं तथा उनका देश इस अप्रतिम योगदान का सम्मान करता है।  विदेशों में रहने वाले भारतीय सिर्फ अपनी संख्याबल के कारण सम्मान नहीं पा रहे बल्कि वे  जहां रह रहे हैं उस देश के प्रति उनके योगदान के लिए उनका सम्मान किया जा रहा है।  भारतीय अपनी मेहनत, शांतिप्रियता और आदर्शों के कारण सम्मान के हकदार हैं।
 
उन्होंने यह भी कहा कि प्रवासी भारतीय जहां रहे, उन्होंने उस धरती को अपनी कर्मभूमि माना  और जहां से आए, उसे मर्मभूमि माना। आज आप उस कर्मभूमि की सफलताओं की गठरी  बांधकर अपनी मर्मभूमि में पधारे हैं, जहां से आपको, आपके पूर्वजों को प्रेरणा मिलती रही है।  प्रवासी भारतीय जहां रहे, वहां का उन्होंने विकास किया और जहां के हैं वहां अपना अप्रतिम  योगदान किया। 
 
मोदी ने प्रवासी भारतीयों के हित में शुरू की गई कई योजनाओं से उन्हें रूबरू कराते हुए कहा  कि उनकी सरकार प्रवासी भारतीयों के हितों और सुरक्षा को बहुत महत्व देती है और इसी दिशा  में भारतीय दूतावासों को कहा गया है कि वे विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों तथा प्रवासी  भारतीयों की हर मुश्किल का तत्काल समाधान करें।
 
उन्होंने कहा कि हम पासपोर्ट का रंग नहीं देखते, खून का रिश्ता सोचते हैं। इसका मकसद बस  यह बताना है कि आप विदेश में अकेले नहीं, आपका देश हर कदम आपके साथ है। उन्होंने इस  मौके पर विदेशी मंत्री सुषमा स्वराज की तारीफ करते हुए कहा कि श्रीमती स्वराज ने सोशल  मीडिया की मदद से विदेश में रह रहे व्यथित भारतीयों की बहुत शीघ्र मदद करने का काम  किया है। 
 
प्रधानमंत्री ने 'ब्रेन ड्रेन' (प्रतिभा पलायन) के मुद्दे पर कहा कि कभी 'ब्रेन ड्रेन' की चर्चा होती थी  तब मैं लोगों को कहता था कि क्या बुद्धू लोग ही यहां बचे हैं? लेकिन आज मैं बड़े विश्वास के  साथ कहना चाहता हूं कि वर्तमान सरकार 'ब्रेन ड्रेन' को 'ब्रेन गेन' में बदलना चाहती है और  इसके लिए आपका सहयोग आवश्यक है और यह होकर रहेगा। (वार्ता)

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