नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों की खुशहाली के लिए स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि पिछले 4 साल के दौरान स्वच्छता का दायरा दोगुना बढ़कर करीब 80 फीसदी तक पहुंच चुका है और देशवासियों का स्वास्थ्य बेहतर बनाने की दिशा में व्यापक स्तर पर काम किया जा रहा है।
सरकारी स्तर पर यह सोच कैसे बदली है, इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पहले स्वास्थ्य से जुड़ा हर काम सिर्फ स्वास्थ्य मंत्रालय देखता था लेकिन अब सारे विभाग और मंत्रालय इससे जुड़ गए हैं। स्वच्छता-मंत्रालय, आयुष-मंत्रालय, रसायन और उर्वरक मंत्रालय, उपभोक्ता मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और राज्य सरकारें सभी इस दिशा में मिलकर काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सिर्फ स्वस्थ रहने पर ही जोर नहीं दिया जा रहा है बल्कि स्वस्थ रहने के सरल तरीकों पर भी ध्यान दिया जा रहा है। स्वास्थ्य के प्रति सजगता जितनी सस्ती है उतनी ही आसान भी है। इस बारे में लोग जितने जागरूक होंगे उतना ही व्यक्ति, परिवार और समाज को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि जीवन की स्वच्छता के लिए पहली आवश्यकता स्वच्छता की है। (वार्ता)