पीएम मोदी बोले, ‘ग्रीन हाइड्रोजन’ का केंद्र बन सकता है भारत

शुक्रवार, 4 मार्च 2022 (12:09 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत ग्रीन हाइड्रोजन का केंद्र बन सकता है क्योंकि उसके पास नवीकरणीय ऊर्जा बहुतायत में उपलब्ध है और इस वजह से देश स्वाभाविक फायदे की स्थिति में है।
 
'सतत विकास के लिए ऊर्जा विषय' पर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का दृष्टिकोण स्पष्ट है कि सतत विकास, सतत ऊर्जा स्रोतों से ही संभव है।
 
उन्होंने कहा कि सतत विकास के लिए ऊर्जा हमारी पुरातन संस्कृति से भी प्रेरित है और यह भविष्य की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं की पूर्ति का मार्ग भी है।
 
कार्बन उत्सर्जन सहित जलवायु परिवर्तन से जुड़े अन्य मुद्दों पर भारत के लक्ष्यों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देश इन्हें चुनौती की तरह नहीं बल्कि एक अवसर के रूप में देखता है। भारत इसी दृष्टिकोण पर पिछले कुछ वर्षो से चल रहा है और इस बार के आम बजट में इनको नीतिगत स्तर पर और आगे बढ़ाया गया है।
 
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सस्टेनिलिबिटी के लिए एनर्जी प्रोडक्शन के साथ ही उर्जा की बचत भी उतनी आवश्यक है। हमारे देश में एनर्जी एफिशियेंट प्रोडक्ट्स बनाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए: प्रधानमंत्री #NarendraModi #AatmaNirbharBharatKaBudget - पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) 4 Mar 2022
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बजट में सौर ऊर्जा की दिशा में उच्च दक्षता वाले ‘‘सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग’’ को बढ़ावा देने के लिए 19,000 करोड़ रुपए की घोषणा की गई है और इस मॉड्यूल व इससे जुड़े उत्पादों के निर्माण और शोध से भारत को ‘‘वैश्विक केंद्र’’ बनाने में मदद मिलेगी।
 
उन्होंने कहा कि बजट में नेशनल हाइड्रोजन मिशन की भी घोषणा की गई है। भारत के पास प्रचुर मात्रा में उपलब्ध नवीकरणीय ऊर्जा एक स्वाभाविक फायदा है। इससे भारत विश्व में ग्रीन हाइड्रोजन का केंद्र बन सकता है।
 
उन्होंने कहा कि हाइड्रोजन इकोसिस्टम, फर्टिलाइजर, रिफाइनरी और परिवहन क्षेत्र एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें निजी क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि भारत की पूरी क्षमता का उपयोग किया जा सके।
 
उल्लेखनीय है कि स्वच्छ वैकल्पिक ईंधन विकल्प के लिए हाइड्रोजन पृथ्वी पर उपलब्ध सबसे प्रचुर तत्वों में से एक है। ग्रीन हाइड्रोजन नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करके जल के इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा निर्मित होती है और इसमें कार्बन फुटप्रिंट कम होता है।

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