उन्होंने कहा कि राजकोषीय स्थिति के पूरी तरह नियंत्रण में होने, मजबूत बाह्य स्थिति, और कीमतों में स्थिरता के साथ हमारे वृहदआर्थिक बुनियादी कारक मजबूत बने हुए हैं। यही वजह है कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बावजूद मुद्रास्फीति निर्धारित दायरे में बनी रही।' हमारी सरकार राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर चलने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जीडीपी प्रतिशत के रूप में सरकारी कर्ज में लगातार गिरावट आई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि काफी लंबे इंतजार के बाद भारत की रेटिंग में सुधार हुआ है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत एक आकर्षक स्थल के रूप में उभरा है। भारत ने 2.6 अरब डालर की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था में अग्रणी भूमिका निभाई है और इस साल इसमें 7.4 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद की जा रही है।
उन्होंने कहा, 'विदेशी मुद्रा भंडार, एफडीआई जैसे बाहरी मोर्चों पर भी भारत की स्थिति मजबूत बनी हुई है। हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 400 अरब डालर से अधिक बना हुआ है। दुनियाभर का विश्वास हमारी अर्थव्यवस्था में बढ़ रहा है। भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) तेजी से बढ़ा है और देश एफडीआई के लिहाज से शीर्ष देशों में बना हुआ है।'