दक्षिण गुजरात में भारी वर्षा, उमरगाम में 22 इंच बारिश, मुंबई में हाईटाइड की चेतावनी
मंगलवार, 26 जून 2018 (07:39 IST)
गुजरात में सोमवार को दक्षिणी जिले वलसाड में अति भारी वर्षा के कारण जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। उमरगाम में एक ही दिन में 22 ईंच से अधिक वर्षा हुई जबकि वापी और वलसाड में भी सात ईंच से अधिक वर्षा दर्ज की गई। मुंबई में पिछले 24 घंटों में 9 इंच बारिश हुई। मौसम विभाग ने अगले चार दिन तक शहर में और भारी बारिश की चेतावनी दी है। मौसम विभाग ने आज मुंबई में हाईटाइड की भी चेतावनी दी है।
गुजरात में वर्षा के चलते कई स्थानों पर निचले इलाकों में जलजमाव के अलावा वलसाड के भिलोड़ और संजाण के बीच रेल पटरी के ऊपर पानी भर जाने और मिट्टी बहने के कारण मुंबई-सूरत मुख्य अप लाइन पर सुबह करीब दो घंटे तक परिचालन बाधित रहा। बाद में इस पर नियंत्रित गति के साथ रेलगाड़ियों को गुजारा जा रहा है।
राज्य के सूरत, वडोदरा, दाहोद, तापी, भावगनर आदि कई जिलों के कुछ स्थानों पर भी मध्यम से भारी वर्षा दर्ज की गई। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में भी राज्य के कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की चेतावनी दी है। इस बीच वर्षा के जलजमाव के कारण भरूच के राजपारडी में फंसी एक सरकारी बस के 17 यात्रियों को पुलिस ने सुरक्षित ढंग से बचाया।
गुजरात और उत्तरी कोंकण इलाके में अगले 24 घंटे में कहीं-कहीं बहुत तेज और कहीं-कहीं अतिवृष्टि का अनुमान है। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल, सिक्किम, झारखंड और मध्य महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश होने के आसार हैं।
अगले 24 घंटे में उत्तरी अरब सागर, गुजरात के कुछ और हिस्सों में, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के शेष हिस्सों में, झारखंड, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, और दक्षिण पूर्वी राजस्थान के कुछ और हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने की स्थिति अनुकूल है।
इस दौरान नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, बिहार, ओडिशा, पूर्वी राजस्थान, सौराष्ट्र, कच्छ, गोवा और तटीय कर्नाटक के अलग अलग स्थानों पर भी तेज बारिश होने के आसार हैं। उत्तर प्रदेश में धूलभरी आंधी या बारिश होने का अनुमान है। उत्तर प्रदेश के एक या दो स्थानों पर गर्म हवा चल सकती है।
अगले 24 घंटे में उत्तरी अरब सागर, गुजरात के कुछ और हिस्सों में, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के शेष हिस्सों में, झारखंड, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, और दक्षिण पूर्वी राजस्थान के कुछ और हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने की स्थिति अनुकूल है।